POSHAN ABHIYAN ICDS
भारत में कुपोषण और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए पोषण अभियान और एकीकृत बाल विकास सेवा ( Poshan Abhiyan ICDS) 2024 में एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभरे हैं। कुपोषण, स्टंटिंग (लंबाई में कमी), और एनीमिया जैसी समस्याएं भारत के समग्र विकास में रुकावट बन रही हैं। इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए पोषण अभियान (Poshan Abhiyan) और ICDS योजना को सशक्त रूप से लागू किया जा रहा है, ताकि देश के हर नागरिक, विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार हो सके।
पोषण अभियान: एक परिचय
Poshan Abhiyan ICDS की शुरुआत 8 मार्च 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य 2022 तक कुपोषण की समस्या को जड़ से समाप्त करना था, लेकिन 2024 तक यह मिशन अभी भी जारी है, और सरकार इसे और सशक्त रूप में लागू कर रही है। इस अभियान का लक्ष्य है, 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और स्तनपान कराने वाली माताओं को कुपोषण मुक्त करना और उनमें आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को दूर करना।
2024 में पोषण अभियान के तहत कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस बच्चों के विकास, महिलाओं के स्वास्थ्य, और समाज के प्रत्येक वर्ग को पोषण संबंधी जागरूकता देना है।
एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS): भारत की पोषण क्रांति का आधार
Poshan Abhiyan ICDS एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना 1975 में शुरू की गई थी। यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने सामुदायिक विकास कार्यक्रमों में से एक है, जिसका उद्देश्य बच्चों और महिलाओं को समग्र स्वास्थ्य और पोषण सेवाएँ प्रदान करना है। 2024 में, पोषण अभियान और ICDS को एकीकृत किया गया है, ताकि इन दोनों योजनाओं की समग्र शक्ति से कुपोषण से लड़ने में मदद मिल सके।
ICDS योजना के तहत छह प्रमुख सेवाएँ प्रदान की जाती हैं:
- पूरक पोषण: आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक आहार प्रदान किया जाता है।
- टीकाकरण: बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आवश्यक टीके दिए जाते हैं।
- स्वास्थ्य जांच: नियमित स्वास्थ्य जांच और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
- प्रारंभिक बाल शिक्षा: 3 से 6 वर्ष के बच्चों को खेलकूद और शिक्षा के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है।
- स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा: महिलाओं को सही पोषण, स्वच्छता, और स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाता है।
- स्वास्थ्य सेवाएँ: गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को सुरक्षित मातृत्व और प्रसव से संबंधित सेवाएँ दी जाती हैं।
2024 में पोषण अभियान और ICDS का आपसी तालमेल
2024 में पोषण अभियान और Poshan Abhiyan ICDS के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए कई नए प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने इस दिशा में ध्यान केंद्रित किया है कि दोनों कार्यक्रमों को मिलाकर अधिक प्रभावी बनाया जाए, ताकि ज़मीनी स्तर पर कुपोषण और स्वास्थ्य समस्याओं को हल किया जा सके।
1. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सशक्त भूमिका
Poshan Abhiyan ICDS योजना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2024 में पोषण अभियान के तहत इन कार्यकर्ताओं को और अधिक प्रशिक्षित और सशक्त किया गया है। उनके लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें उन्हें पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, और मातृत्व सेवाओं के बारे में गहन जानकारी दी जा रही है।
2. स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग
2024 में डिजिटल युग को ध्यान में रखते हुए पोषण अभियान और ICDS योजना के लिए तकनीकी समाधान विकसित किए गए हैं। इसके तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए मोबाइल ऐप्स और पोषण मॉनिटरिंग टूल्स तैयार किए गए हैं, जो उन्हें बच्चों और महिलाओं की पोषण स्थिति की निगरानी में मदद कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी लाभार्थी को पोषण सेवाओं से वंचित न किया जाए।
3. समुदाय आधारित गतिविधियाँ
2024 में पोषण अभियान और Poshan Abhiyan ICDS के तहत समुदाय-आधारित गतिविधियों पर ज़ोर दिया जा रहा है। गाँवों और शहरों में सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें लोगों को पोषण, स्वच्छता, और स्वास्थ्य देखभाल के बारे में शिक्षित किया जा रहा है।
4. स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों में पोषण शिक्षा
Poshan Abhiyan ICDS और पोषण अभियान के तहत स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में भी विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बच्चों को पोषण और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जा रही है, ताकि वे स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें। मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जा रहा है, जिससे उनका संपूर्ण विकास सुनिश्चित किया जा सके।
पोषण अभियान और ICDS 2024 की चुनौतियाँ
पोषण अभियान और Poshan Abhiyan ICDS ने जहाँ देश में पोषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने में बड़ी भूमिका निभाई है, वहीं 2024 में भी कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
1. ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच
ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच एक बड़ी चुनौती है। कई गाँवों में स्वास्थ्य सेवाओं और पोषण संबंधी जानकारी की कमी है, जिससे कुपोषण की समस्या अभी भी बनी हुई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या कम है, और कई बार वे पर्याप्त संसाधनों के बिना काम करने के लिए मजबूर होती हैं।
2. आर्थिक असमानता
देश में अभी भी बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। आर्थिक असमानता के कारण कई परिवार अपने बच्चों और महिलाओं को आवश्यक पोषण नहीं दे पाते। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार को पोषण अभियान और ICDS के तहत और अधिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
3. सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाएँ
कई ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के कारण पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ नहीं उठाया जा रहा है। महिलाओं और बच्चों के पोषण के प्रति जागरूकता की कमी भी एक बड़ी चुनौती है।
भविष्य की दिशा: 2024 और आगे
2024 में पोषण अभियान और ICDS के तहत भारत सरकार ने कुपोषण मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। लेकिन यह सिर्फ एक सरकारी जिम्मेदारी नहीं है; इस अभियान की सफलता के लिए आम जनता की भागीदारी भी उतनी ही आवश्यक है।
1. सशक्त पोषण नीति
पोषण अभियान और ICDS की सफलता के लिए एक सशक्त और व्यापक पोषण नीति की आवश्यकता है, जो देश के हर नागरिक तक पहुंचे। सरकार को इस दिशा में और अधिक निवेश करना होगा, ताकि हर बच्चे और महिला को पर्याप्त पोषण और स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकें।
2. साझेदारी और सहयोग
Poshan Abhiyan ICDS और पोषण अभियान की सफलता के लिए विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के बीच सहयोग की आवश्यकता है। सामुदायिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और निजी क्षेत्र की भागीदारी से इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
3. जन जागरूकता अभियान
देशभर में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है। लोगों को पोषण, स्वच्छता, और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक करना होगा, ताकि वे इन सेवाओं का पूरा लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष
पोषण अभियान और Poshan Abhiyan ICDS 2024 में कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं। इन योजनाओं के तहत सरकार ने कुपोषण से लड़ने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, तकनीकी नवाचारों, और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से इन योजनाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। हालांकि अभी भी चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन सही दिशा और निरंतर प्रयासों के माध्यम से भारत कुपोषण मुक्त और स्वस्थ राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है।
Read More :-
1.
Poshan Abhiyan Jan Andolan 2024 : विश्व की सभी महिलाएं हो रही है जागरूक पोषण अभियान के प्रति।
2.
NTPC New Vacancy 2024 : 10वी और 12वी पास विद्यार्थी के लिए सीधी भर्ती बिना किसी परीक्षा के लास्ट डेट 28 सितम्बर।
3.
UGC Net Result इस दिन हो सकता है जारी जानिये पूरी खबर