Paralympic Indian Winners List
Paralympic Indian Winners List – पैरालंपिक खेलों में भारत का सफर, विशेष रूप से पिछले दो दशकों में, सफलता और संघर्ष से भरा रहा है। भारतीय पैरालंपियन ने न केवल अपनी अपार क्षमताओं का प्रदर्शन किया, बल्कि अपने दृढ़ संकल्प, समर्पण, और आत्म-विश्वास से करोड़ों लोगों को प्रेरित भी किया। इस लेख में, हम भारत के उन पैरालंपिक विजेताओं के बारे में बात करेंगे जिन्होंने विश्व मंच पर भारत का नाम रोशन किया।
शुरुआती कदम: भारत का पैरालंपिक सफर
भारत ने अपने पैरालंपिक सफर की शुरुआत 1968 में की थी, जब देश ने पहली बार पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लिया। हालांकि, प्रारंभिक वर्षों में भारत के प्रदर्शन में कई चुनौतियाँ थीं, लेकिन धीरे-धीरे भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और पदक जीतने का सिलसिला शुरू हुआ।
पैरालंपिक में भारत के पहले विजेता
1984 पैरालंपिक खेलों में, भारोत्तोलन के खिलाड़ी मुरलीकांत पेटकर ने भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। मुरलीकांत ने तैराकी की 50 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था, जो अब तक एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने 37.33 सेकंड का समय लिया और यह विश्व रिकॉर्ड भी था।
एथेंस 2004: देवेंद्र झाझरिया का स्वर्णिम प्रदर्शन
एथेंस पैरालंपिक 2004 में, भाला फेंक (Javelin Throw) के खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया ने भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने F-44/46 श्रेणी में 62.15 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि एक नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। देवेंद्र झाझरिया का यह प्रदर्शन एक नई उम्मीद लेकर आया और भारतीय पैरालंपिक खेलों को एक नई दिशा मिली।
रियो 2016: सफलता की नयी ऊंचाइयाँ
Paralympic Indian Winners List – रियो 2016 पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। भारत ने इस पैरालंपिक में 2 स्वर्ण, 1 रजत, और 1 कांस्य पदक जीते, जो भारतीय पैरालंपिक इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
- मरियप्पन थंगवेलु (स्वर्ण पदक): मरियप्पन थंगवेलु ने ऊंची कूद (High Jump) T-42 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 1.89 मीटर की छलांग लगाई और भारत के लिए पहली बार रियो में स्वर्ण पदक जीता।
- देवेंद्र झाझरिया (स्वर्ण पदक): देवेंद्र झाझरिया ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और भाला फेंक F46 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 63.97 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ा।
- दीपा मलिक (रजत पदक): दीपा मलिक ने शॉट पुट (गोला फेंक) F53 श्रेणी में रजत पदक जीता। वह पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, और उनका यह प्रदर्शन उनके साहस और आत्म-विश्वास का प्रतीक था।
- वरुण सिंह भाटी (कांस्य पदक): वरुण सिंह भाटी ने ऊंची कूद T-42 वर्ग में कांस्य पदक जीता। उन्होंने 1.86 मीटर की छलांग लगाई और मरियप्पन थंगवेलु के साथ मिलकर भारतीय ऊंची कूद में नई ऊंचाइयों को छूआ।
टोक्यो 2020: ऐतिहासिक पदक की बारिश
Paralympic Indian Winners List – टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में, भारत ने अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए कुल 19 पदक जीते, जिसमें 5 स्वर्ण, 8 रजत, और 6 कांस्य पदक शामिल थे। यह भारत के लिए पैरालंपिक इतिहास का सबसे सुनहरा अध्याय था।
- अवनी लेखरा (स्वर्ण और कांस्य पदक): अवनी लेखरा ने शूटिंग (R2 – महिला 10 मीटर एयर राइफल) SH1 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 249.6 अंकों के साथ पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया और इसके साथ ही विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। इसके अलावा, उन्होंने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन SH1 में कांस्य पदक भी जीता।
- सुमित अंतिल (स्वर्ण पदक): सुमित अंतिल ने भाला फेंक F64 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 68.55 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया।
- प्रमोद भगत (स्वर्ण पदक): प्रमोद भगत ने बैडमिंटन में SL3 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। यह पहला मौका था जब बैडमिंटन को पैरालंपिक में शामिल किया गया, और प्रमोद ने भारत के लिए इस खेल में पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
- मनीष नरवाल (स्वर्ण पदक): मनीष नरवाल ने शूटिंग (P4 – मिश्रित 50 मीटर पिस्टल) SH1 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 218.2 अंकों के साथ पदक जीता और अपनी असाधारण निशानेबाजी कौशल का प्रदर्शन किया।
- सिंहराज अधाना (रजत और कांस्य पदक): सिंहराज अधाना ने शूटिंग P4 – मिश्रित 50 मीटर पिस्टल SH1 में कांस्य पदक और P1 – पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में रजत पदक जीता।
- भाविना पटेल (रजत पदक): भाविना पटेल ने टेबल टेनिस में महिला एकल C4 श्रेणी में रजत पदक जीता। वह इस श्रेणी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
पैरालंपिक विजेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका
Paralympic Indian Winners List – भारतीय पैरालंपिक विजेताओं की उपलब्धियाँ न केवल व्यक्तिगत जीत का प्रतीक हैं, बल्कि यह देश की खेल संस्कृति में परिवर्तन का भी प्रतीक हैं। इन खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत, संघर्ष और दृढ़ संकल्प से यह साबित कर दिया कि कोई भी चुनौती उनके सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकती।इन विजेताओं की कहानियाँ भारत के सभी खिलाड़ियों को प्रेरित करती हैं कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी स्थिति में हार न मानें। उनके साहसिक प्रयासों ने समाज में विकलांगता के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को भी बदला है।
निष्कर्ष
Paralympic Indian Winners List – भारत के पैरालंपिक विजेताओं ने न केवल देश को गौरवान्वित किया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित किया है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से यह साबित किया है कि कोई भी सपना बहुत बड़ा नहीं होता, और अगर आपमें साहस और दृढ़ संकल्प है, तो आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।आने वाले वर्षों में, भारतीय पैरालंपियन अपने देश के लिए और भी अधिक सफलता प्राप्त करेंगे, और उनकी यात्रा लाखों लोगों को प्रेरित करती रहेगी। उनका साहस और संघर्ष भारतीय खेल के सुनहरे अध्याय का हिस्सा बन गया है, और उनके प्रयासों का सम्मान करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
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