Poshan Abhiyan 2024
भारत में पोषण संबंधी समस्याओं का मुद्दा लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। देश में कुपोषण, अल्पपोषण, और एनीमिया जैसी समस्याओं का प्रभाव बच्चों और महिलाओं पर विशेष रूप से देखा गया है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, भारत सरकार ने 2018 में एक व्यापक राष्ट्रीय पोषण मिशन, जिसे “पोशन अभियान” के नाम से जाना जाता है, की शुरुआत की थी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देश भर में पोषण स्तर को सुधारना और महिलाओं, बच्चों, और किशोरों के स्वास्थ्य में सुधार करना है। 2024 में, इस अभियान ने एक नए स्तर पर प्रवेश किया है, जिसमें नए लक्ष्य और रणनीतियाँ निर्धारित की गई हैं।
पोशन अभियान 2024: उद्देश्य और लक्ष्य
Poshan Abhiyan 2024 का मुख्य उद्देश्य “सुपोषित भारत” की अवधारणा को साकार करना है। इस अभियान के तहत सरकार ने निम्नलिखित प्रमुख लक्ष्यों को निर्धारित किया है:
- कुपोषण में कमी: कुपोषण की दर को 2024 तक 3% तक कम करना।
- अल्पपोषण में कमी: अल्पपोषण की समस्या से प्रभावित बच्चों की संख्या को 2024 तक 2% तक कम करना।
- एनीमिया में कमी: महिलाओं, बच्चों, और किशोरों में एनीमिया की दर को 3% तक कम करना।
- कम वजन और कम लंबाई के बच्चों की संख्या में कमी: बच्चों में कम वजन और कम लंबाई की समस्या को कम करना।
अभियान की नई रणनीतियाँ
Poshan Abhiyan 2024 के तहत कई नई और नवीन रणनीतियों को अपनाया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख रणनीतियाँ इस प्रकार हैं:
- डिजिटल तकनीक का उपयोग: 2024 में, पोशन अभियान ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और तकनीक का अधिकतम उपयोग करने का लक्ष्य रखा है। इसके अंतर्गत, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को डिजिटल उपकरणों से लैस किया गया है। इससे पोषण संबंधी जानकारी को ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुँचाना आसान हो गया है।
- जनभागीदारी को प्रोत्साहन: Poshan Abhiyan 2024 में समुदाय की भागीदारी को विशेष रूप से महत्व दिया गया है। इसके तहत, स्थानीय समुदायों, पंचायतों, और स्वंयसेवी संगठनों को अभियान में शामिल किया गया है। इससे लोगों को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है और उन्हें अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
- पोषण सेवा में सुधार: Poshan Abhiyan 2024 में पोषण सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारने पर जोर दिया गया है। इसके तहत, आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में वृद्धि, और आहार गुणवत्ता में सुधार जैसे कदम उठाए गए हैं। साथ ही, बच्चों के लिए पोषण युक्त आहार और महिलाओं के लिए विशेष पोषण योजनाओं का प्रावधान किया गया है।
- स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा: इस अभियान के तहत पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे बच्चों और महिलाओं को सही पोषण की जानकारी दी जा रही है और उन्हें अपने आहार में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सफलता की दिशा में प्रयास
Poshan Abhiyan 2024 में, सरकार ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अभियान की सफलता के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाया गया है:
- प्रमुख हस्तक्षेप: Poshan Abhiyan 2024 में प्रमुख हस्तक्षेपों की पहचान की गई है, जिनमें पोषण सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, बच्चों के लिए विशेष पोषण आहार, और गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के लिए पोषण योजनाओं का प्रावधान शामिल है।
- विभिन्न मंत्रालयों का समन्वय: इस अभियान में विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय को बढ़ावा दिया गया है। स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, ग्रामीण विकास, और कृषि मंत्रालय मिलकर इस अभियान को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इससे योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार हुआ है और लक्ष्य प्राप्ति में तेजी आई है।
- विशेष निगरानी और मूल्यांकन: Poshan Abhiyan 2024 में निगरानी और मूल्यांकन की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। इसके तहत, योजनाओं के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा की जा रही है और आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अभियान के लक्ष्य समय पर प्राप्त हों।
- जनसम्पर्क और मीडिया का उपयोग: Poshan Abhiyan 2024 में जनसम्पर्क और मीडिया का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत, रेडियो, टेलीविजन, सोशल मीडिया, और प्रिंट मीडिया के माध्यम से पोषण जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इससे अधिक से अधिक लोगों तक पोषण की जानकारी पहुंच रही है और उन्हें सही आहार और जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
चुनौतियाँ और आगे की राह
हालांकि Poshan Abhiyan 2024 ने अपने कई लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ सामने हैं। इनमें सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में पोषण सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, जागरूकता की कमी, सामाजिक मान्यताओं और परंपराओं, और आर्थिक कठिनाइयों के कारण भी पोषण संबंधी समस्याएँ बनी हुई हैं।
अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित उपायों की आवश्यकता है:
- स्थानीय समुदायों की भागीदारी: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी को और अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे लोगों में पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे।
- सामाजिक मान्यताओं को बदलना: सामाजिक मान्यताओं और परंपराओं के कारण पोषण संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इन मान्यताओं को बदलने के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
- आर्थिक सहायता: आर्थिक कठिनाइयों के कारण कई परिवारों के लिए पोषण युक्त आहार की व्यवस्था करना कठिन हो जाता है। ऐसे में, सरकार को आर्थिक सहायता और पोषण योजनाओं का विस्तार करना चाहिए ताकि हर व्यक्ति को पोषण युक्त आहार मिल सके।
निष्कर्ष
Poshan Abhiyan 2024 , भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश के भविष्य को स्वस्थ और सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर है। इस अभियान के तहत उठाए गए कदमों से न केवल पोषण स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि लोगों में पोषण के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। हालाँकि कुछ चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं, लेकिन अगर सरकार और समुदाय मिलकर काम करें, तो इन चुनौतियों पर काबू पाया जा सकता है और एक “सुपोषित भारत” का सपना साकार हो सकता है।
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