Gypsy Rose Story : Gypsy Rose की कहानी सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे जाने क्या है ? पूरी कहानी

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Gypsy Rose Story

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Gypsy Rose Story जिप्सी रोज़ ब्लैंचर्ड की कहानी एक दुखद और चौंकाने वाली घटना है, जो एक बेटी और मां के बीच के विषाक्त रिश्ते का खुलासा करती है। यह कहानी अमेरिका में घटी, लेकिन इसने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। यह कहानी न केवल एक लड़की की आजादी की लड़ाई है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, माता-पिता के शोषण और जटिल पारिवारिक संबंधों पर भी सवाल उठाती है।

जिप्सी रोज़ का बचपन: एक दर्दनाक यात्रा

Gypsy Rose Story  जिप्सी रोज़ का जन्म 27 जुलाई 1991 को हुआ था। उसके बचपन में ही उसे कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित बताया गया। उसकी मां, डी डी ब्लैंचर्ड, का दावा था कि जिप्सी को मांसपेशियों की दुर्बलता, मिर्गी, बौद्धिक विकलांगता, ल्यूकेमिया, और अन्य कई बीमारियां थीं। उसने जिप्सी को हमेशा एक व्हीलचेयर में दिखाया और दावा किया कि उसकी बेटी चलने में असमर्थ है। जिप्सी को सांस लेने के लिए ट्यूब की जरूरत थी और उसे हर समय एक नकली फीडिंग ट्यूब से खाना खिलाया जाता था।

डी डी ब्लैंचर्ड ने अपनी बेटी की बीमारी को उजागर करते हुए दानदाताओं, चर्चों, और विभिन्न संगठनों से आर्थिक मदद ली। उन्हें मुफ्त घर, मुफ्त हवाई यात्राएं, और अन्य आर्थिक लाभ प्राप्त हुए।

मां की साजिश: मुनचौसेन सिंड्रोम बाय प्रॉक्सी

Gypsy Rose Story – धीरे-धीरे, यह स्पष्ट हुआ कि जिप्सी रोज़ की बीमारियां वास्तविक नहीं थीं। डी डी ब्लैंचर्ड मुनचौसेन सिंड्रोम बाय प्रॉक्सी नामक एक मानसिक विकार से पीड़ित थीं, जिसमें माता-पिता अपने बच्चे को बीमार दिखाने के लिए उसकी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं। इस मानसिक विकार के तहत, डी डी ने जिप्सी की असली उम्र को छुपाया, उसकी स्वास्थ्य रिपोर्ट को गलत तरीके से पेश किया, और उसकी अनेक गैर-जरूरी सर्जरी करवाईं।

डी डी ने जिप्सी के बाल मुंडवा दिए, उसे हमेशा एक व्हीलचेयर पर रहने को मजबूर किया, और उसकी स्वतंत्रता को पूरी तरह से नियंत्रित किया। उसने जिप्सी को घर के अंदर बंद रखा और किसी से मिलने-जुलने की इजाजत नहीं दी।

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जिप्सी की आजादी की लड़ाई: निक गोड़ेजन से मुलाकात

Gypsy Rose Story  – जिप्सी, हालांकि, अपनी मां की सख्त देखरेख और नियंत्रण के बावजूद, धीरे-धीरे सच्चाई को समझने लगी। इंटरनेट के जरिए, उसने बाहरी दुनिया के बारे में जानने की कोशिश की। 2012 में, उसने एक डेटिंग वेबसाइट पर निक गोड़ेजन नाम के एक व्यक्ति से मुलाकात की। दोनों के बीच ऑनलाइन बातचीत शुरू हुई और जल्द ही यह रिश्ता गहरा हो गया।

निक के साथ अपने रिश्ते के माध्यम से, जिप्सी ने अपनी मां के अत्याचारों से छुटकारा पाने का रास्ता खोजा। उसने निक से अपनी मां की असलियत बताई और उसे अपने साथ मिलकर एक योजना बनाने के लिए राजी किया। जिप्सी के मन में एक ही ख्याल था: आजादी।

डी डी की हत्या: एक दर्दनाक मोड़

Gypsy Rose Story – जून 2015 में, निक और जिप्सी ने डी डी की हत्या की योजना बनाई। निक ने डी डी के घर जाकर उसे चाकू से मार डाला, जबकि जिप्सी ने दूसरी ओर कमरे में जाकर खुद को सुरक्षित रखा। हत्या के बाद, दोनों ने घर से भागने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

पुलिस जांच के दौरान, डी डी और जिप्सी की वास्तविक कहानी सामने आई। यह खुलासा हुआ कि जिप्सी की बीमारियां केवल उसकी मां की कल्पना का हिस्सा थीं और जिप्सी को कभी कोई बीमारी नहीं थी।

जिप्सी का न्याय और नया जीवन

Gypsy Rose Story – कोर्ट ने जिप्सी रोज़ को अपनी मां की हत्या के लिए दोषी ठहराया, लेकिन इस सच्चाई को ध्यान में रखते हुए कि वह लंबे समय तक शारीरिक और मानसिक शोषण की शिकार रही थी, उसे 10 साल की सजा सुनाई गई। निक गोड़ेजन को प्रथम श्रेणी की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी गई।

जिप्सी रोज़ अब जेल में अपनी सजा काट रही हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह अब पहले से ज्यादा खुश और स्वतंत्र महसूस करती हैं। वह अब खुलकर अपनी जिंदगी जी सकती हैं, और उन्हें यह समझ में आ गया है कि उनकी मां ने उनके साथ कितनी अन्यायपूर्ण स्थिति पैदा की थी।

मानसिक स्वास्थ्य और मुनचौसेन सिंड्रोम बाय प्रॉक्सी पर सवाल

Gypsy Rose Story – जिप्सी रोज़ की कहानी ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य, माता-पिता के शोषण और घरेलू हिंसा के मुद्दों पर बहस छेड़ दी है। इस मामले ने दिखाया है कि किस तरह माता-पिता का शोषण बच्चों के जीवन को नष्ट कर सकता है और मानसिक विकार के प्रभाव कितने खतरनाक हो सकते हैं।

यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि मानसिक स्वास्थ्य और जागरूकता कितनी महत्वपूर्ण है। मुनचौसेन सिंड्रोम बाय प्रॉक्सी जैसे विकारों के लिए समाज में जागरूकता और समर्थन की जरूरत है, ताकि समय पर हस्तक्षेप किया जा सके और पीड़ितों को बचाया जा सके।

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